सनातन धर्म कितना पुराना है (हिन्दू धर्म कितना पुराना है) – Hindu Dharm Kitna Purana Hai

Sanatan Dharm Kitna Purana Hai – धर्म का अर्थ है सही कार्य करना या कर्तव्य पथ पर चलना। धर्म को नियम भी कहा जा सकता है। हर धर्म के अपने विशेष नियम और रीति-रिवाज होते हैं, जिससे उस धर्म को एक अलग पहचान मिलती है। दुनिया में कई धर्म पाए जाते हैं जैसे सनातन धर्म, इस्लाम, सिख और ईसाई धर्म आदि। लेकिन क्या आप जानते है हिन्दू धर्म कितना पुराना है (Hindu Dharm Kitna Purana Hai), आएये जानते है –

सनातन धर्म कितना पुराना है इन हिंदी (Hindu Sanatan Dharm Kitna Purana Hai)

भारत की सिन्धु घाटी सभ्यता में हिन्दू धर्म के अनेक चिन्ह मिलते हैं। यह धर्म लगभग 12000 वर्ष पुराना माना जाता है, जबकि कुछ पौराणिक मान्यताओं के अनुसार हिंदू धर्म 90 हजार वर्ष पुराना है।

नातन धर्म जिसे हिंदू धर्म या वैदिक धर्म भी कहा जाता है। ‘सनातन’ का शाब्दिक अर्थ है – शाश्वत या ‘हमेशा रहने वाला’ अर्थात जिसका न आदि हो न अंत। इसे दुनिया का सबसे पुराना धर्म भी कहा जाता है।

असल में हिंदू नाम तो विदेशियों द्वारा दिया गया है, जब मध्यकाल में तुर्क और ईरानी भारत देश आए, तो उन्होंने सिंधु घाटी से प्रवेश किया। सिंधु एक संस्कृत नाम है. उनकी भाषा में ‘स’ शब्द न होने के कारण वे सिन्धु कहने में असमर्थ थे। अतः सिन्धु शब्द का उच्चारण न करके वे हिन्दू कहने लगे। इस प्रकार सिन्धु का नाम हिन्दू हो गया। उन्होंने यहां के निवासियों को हिंदू कहना शुरू कर दिया और इस तरह हिंदुओं के देश का नाम हिंदुस्तान पड़ गया।

हिन्दू धर्म की रोचक बातें

सनातन धर्म (हिंदू धर्म) दुनिया के सबसे पुराने धर्मों में से एक है। यह धर्म जितना प्राचीन है उतना ही वैज्ञानिक भी। आज हम आपको हिंदू धर्म के बारे में कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं जिनका विज्ञान की दृष्टि से विशेष महत्व है।

1) हवन

हिंदू धर्म में हवन का विशेष महत्व है। प्राचीन काल से ही किसी भी धार्मिक अनुष्ठान में मुख्य रूप से हवन किया जाता था।

इसमें कई लाभकारी सामग्री होती हैं, जैसे आम की लकड़ी, देसी घी, कपूर, लौंग, चावल, ब्राह्मी, मुलेठी की जड़, बहेड़ा फल, बेल, नीम, लोबान, पलाश का पौधा, देवदार की जड़, गूलर की छाल और पत्तियां, इलायची आदि का इस्तेमाल किया जाता है।

हिंदू धर्म में माना जाता है कि हवन से हर तरह की नकारात्मकता खत्म हो जाती है। वहीं विज्ञान भी इस बात को मान चुका है कि हवन हवा में मौजूद कीटाणुओं को खत्म करने में कारगर है। इसके अलावा इंसान को सांस संबंधी बीमारियों से भी राहत मिलती है।

2) तुलसी का पौधा

तुलसी का पौधा विशेषकर हर हिंदू परिवार में पाया जाता है। इसके अलावा इसकी पूजा भी की जाती है. तुलसी के पत्तों का उपयोग प्रसाद आदि में भी किया जाता है।

इतना ही नहीं आयुर्वेद में इसका उपयोग औषधि के रूप में भी किया गया है। तुलसी की पत्तियों से लेकर इसकी जड़ और बीज तक, सब कुछ गुणों से भरपूर है।

वैज्ञानिकों ने भी यह साबित कर दिया है कि तुलसी की पत्तियों से हर छोटी-बड़ी बीमारी ठीक हो सकती है। तुलसी का पौधा आसपास के वातावरण को भी शुद्ध करता है।

3) उपवास

हिंदू सनातन धर्म में व्रत उपवास रखने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। शास्त्रों में इसका विशेष महत्व है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, व्रत रखने से व्यक्ति को भगवान के करीब रहकर शक्ति, सुख और समृद्धि मिलती है।

इसके अलावा यह भी माना जाता है कि व्रत रखने से सभी प्रकार के पापों और कष्टों से मुक्ति मिल जाती है।

वहीं विज्ञान ने भी पाया है कि उपवास करने से पाचन तंत्र संतुलित और स्वस्थ रहता है। उपवास शरीर को डिटॉक्सिफाई करने में मदद करता है।

4) सूर्य की पूजा

हिंदू धर्म में सुबह स्नान करने के बाद सूर्य को जल चढ़ाया जाता है और पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसा करने से भगवान सूर्यदेव की कृपा प्राप्त होती है।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इसके पीछे कई फायदे छुपे हुए हैं। सुबह सूर्योदय की किरणें स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होती हैं। यह विटामिन डी पाने का बेहतर स्रोत है।

5) मंत्रोच्चारण

हिंदू धर्म में किसी भी कार्य की पवित्रता के लिए उसे मंत्रों से जोड़ा जाता है, इससे उसकी पवित्रता बनी रहती है। इसके अलावा यह भी माना जाता है कि मंत्र जाप भगवान की पूजा आराधन करने और मन को शांति देने का सबसे उत्तम तरीका है।

इसकी मदद से आप अपनी चेतना को ईश्वर से जुड़ा हुआ महसूस करते हैं। एक ओर जहां सनातन धर्म में मंत्र जाप के बिना पूजा-अर्चना पूरी नहीं होती।

वहीं विज्ञान दृष्टिकोण से भी मंत्र हमारे मन को शांत करने के साथ ही ब्लड प्रेशर को भी कण्ट्रोल में रखने में मदद करते हैं।

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