गरुड़ पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय In Hindi – गरुड़ पक्षी भगवान विष्णु का वाहन है। जिसके संदर्भ में जन्म, मृत्यु, पुनर्जन्म, स्वर्ग, नर्क जैसी कई बातें लिखी गई हैं और ये सभी बातें गरुड़ पुराण ग्रंथ में संग्रहित हैं। गरुड़ पुराण के अनुसार अगर कोई पुत्र प्राप्ति की कामना रखता है तो ऐसे दंपत्ति के लिए गरुड़ पुराण में कुछ उपाय बताए गए हैं, जिनके प्रयोग से पुत्र की प्राप्ति होती है।
आज की पोस्ट में हम आपको गरुड़ पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय के बारे में बताने जा रहे हैं। अगर कोई दंपत्ति उत्तम संतान की कामना रखता है तो वे ये उपाय आजमा सकते हैं।
गरुड़ पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय In Hindi (Garuda Purana Ke आनुसार Putra Prapti Ke Upay)
गरुड़ पुराण एक धार्मिक ग्रंथ है जिसमें जन्म, मृत्यु, पुत्र प्राप्ति, स्वर्ग, नर्क जैसी कई बातें लिखी हैं। गरुड़ पुराण के 15वें अध्याय में जब गरुड़ पक्षीराज ने भगवान विष्णु से पुत्र पुत्र प्राप्ति हेतु भगवान् से पूछा तो फिर भगवान विष्णु ने इसका उपाय बताया था। तो आइए जानते हैं गरुड़ पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के लिए क्या उपाय हैं –
गरुड़ पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के लिए मंगलवार के दिन एक लाल कपड़ा लें और उसमें थोड़ा सा सेंधा नमक बांध लें। अब इस पोटली को हनुमान जी के चरणों में अर्पित करें और उनसे पुत्र प्राप्ति की प्रार्थना करें। इसके बाद घर आकर उस पोटली को दंपत्ति के पेट से बांध दें, आपको बहुत जल्द पुत्र प्राप्ति का सुख प्राप्त होगा।
गरुड़ पुराण के अनुसार अगर कोई दंपत्ति पुत्र प्राप्ति चाहता है तो उस महिला को अपने मासिक धर्म के 8वें, 10वें, 12वें, 14वें और 16वें दिन यानि सम संख्या वाले दिनों में अपने पति के साथ शारीरिक संबंध बनाने चाहिए। सम संख्या वाले दिनों में संभोग करने से पुत्र प्राप्ति की संभावना अधिक होती है।
वहीं, जो दंपत्ति पुत्री चाहते हैं, उन्हें मासिक धर्म के 9वें, 11वें, 13वें, 15वें और 17वें दिन संभोग करना चाहिए। सम दिनों में गर्भधारण करने से पुत्र की प्राप्ति होती है और विषम दिनों में गर्भधारण करने से पुत्री की प्राप्ति होती है। हालांकि, मासिक धर्म के 18वें दिन के बाद संभोग करने पर संतान प्राप्ति की संभावना बहुत कम होती है।
गरुड़ पुराण के अनुसार पुत्र की चाह रखने वाली महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान अपने पति के साथ संभोग नहीं करना चाहिए। यहां तक कि पति को भी इन दिनों में अपनी पत्नी का चेहरा नहीं देखना चाहिए।
गरुड़ पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के लिए गर्भवती महिला को महीने के तीसरे सोमवार को भगवान शिव के मंदिर जाना चाहिए। और उन्हें जल चढ़ाने और दीपक जलाकर प्रार्थना करने से गर्भवती महिला को पुत्र की प्राप्ति होती है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय (Vastu Shastra Ke Anusar Putra Prapti Ke Upay In Hindi)
वास्तु शास्त्र का हमारे जीवन में बहुत बड़ा योगदान है। कई बार वास्तु शास्त्र की गलत दिशा के कारण दंपत्ति को संतान सुख नहीं मिल पाता है। अगर आपकी शादी को कई साल बीत चुके हैं और आपको संतान सुख नहीं मिल पा रहा है तो इसके पीछे का कारण वास्तु दोष हो सकता है।
हमारे घर में प्राकृतिक ऊर्जा अलग-अलग दिशाओं से आती है, लेकिन अगर कोई ऊर्जा क्षेत्र प्राकृतिक ऊर्जा क्षेत्र का विरोध करता है तो आपके जीवन में कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं जैसे धन की कमी, स्वास्थ्य, आपसी संबंध, व्यापार, संतान आदि। यहां हम वास्तु शास्त्र के अनुसार पुत्र प्राप्ति के कुछ उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं –
हमारे घर के उत्तर-पूर्वी कोने को ईशान कोण कहते हैं। अगर ईशान कोण में भारी निर्माण, सीढ़ियां या बाथरूम का निर्माण हो तो यह पुत्र प्राप्ति में बाधा उत्पन्न करता है। इसलिए आपको सबसे पहले ईशान कोण में मौजूद बाधा को दूर करना चाहिए।
वास्तु शास्त्र के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय के लिए पत्नी को पति के बाईं ओर सोना चाहिए।
पुत्र प्राप्ति के इच्छुक दम्पति को अपने कमरे में हाथी की तस्वीर लगानी चाहिए।
वास्तु शास्त्र के अनुसार पुत्र प्राप्ति के लिए पति-पत्नी का बिस्तर छत की बीम के नीचे नहीं होना चाहिए।
वास्तु शास्त्र के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय के लिए यदि आपके घर का मुख्य द्वार पश्चिम दिशा में पुष्पदंत पाद संख्या 20 में या उत्तर दिशा में पाद संख्या 27 में हो तो संतान सुख की प्राप्ति होती है।