Ek Garib Kisan Ki Kahani – कहानियाँ न केवल हमारे समाज की वास्तविकता को बतलाती हैं, बल्कि वे संघर्ष, कड़ी मेहनत और सच्चाई के मूल्य को भी उजागर करती हैं। तो आइये जानते है इसी क्रम में गरीब की कहानी (Garib Ki Kahani) –
एक गरीब किसान की कहानी (एक गरीब किसान की दुख भरी कहानी) – Ek Garib Kisan Ki Kahani)
1) गरीब किसान और जादुई बक्सा
एक गांव में एक किसान रहता था। वह इस दुनिया में बहुत गरीब था। उसके पास जमीन का एक छोटा सा टुकड़ा था जिस पर वह खेती करता था। वह बहुत मुश्किल से अपना गुजारा करता था।
एक दिन सूरज की गर्मी अपने चरम पर थी, लेकिन किसान हमेशा की तरह खेत में काम कर रहा था। पसीने से लथपथ किसान बुवाई के लिए खेत जोत रहा था। इसी बीच खेत में खुदाई करते समय जमीन से एक बड़ा लकड़ी का बक्सा मिला। किसान ने सावधानी से बक्सा बाहर निकाला।
पहले तो उसे समझ में नहीं आया कि बक्से का क्या करे। अंत में उसने बक्से को खेत के बाहर रख दिया। उसे साफ करने के बाद उसने घर से लाई हुई रोटियां बक्से में रखीं और अपने काम में व्यस्त हो गया।
दोपहर में जब वह खाने के लिए रोटियां निकालने बक्से के पास गया तो हैरान रह गया। वह सिर्फ रोटियों से भरा था। तब किसान को पता चला कि यह एक जादुई बक्सा था। वह उसमें जो भी चीज डालता, वह उससे 10 गुना होकर निकलती।
किसान ने अपना खाना खाया और उसके बाद डिब्बा घर ले आया। डिब्बा पाकर किसान बहुत खुश हुआ। उसे लगा कि उसके सारे दुख दूर हो जाएंगे। वह लालची नहीं बल्कि धैर्यवान व्यक्ति था। वह डिब्बे का दुरुपयोग नहीं करता था। जब भी उसे किसी चीज की जरूरत होती, वह तुरंत डिब्बे से उसे निकाल लेता।
समय बीतने के साथ गांव के जमींदार को उसके डिब्बे के बारे में पता चला। जमींदार बहुत लालची था और उसे लगा कि ऐसी जादुई चीज पर उसका अधिकार होना चाहिए। उसके आदेश पर जमींदार के आदमी किसान को पकड़कर ले आए।
उन्होंने किसान को धमकाया और कहा, जिस जमीन से डिब्बा मिला है, वह मेरी जमीन में आती है। तो बताओ उस डिब्बे पर किसका अधिकार है। किसान ने कहा, ठीक है साहब, यह जमीन आपकी जमीन में आती है। लेकिन जिस खेत से डिब्बा निकला है, मैं उस पर खेती करता हूं। इसलिए इस डिब्बे पर मेरा अधिकार है।
किसान ने बहुत विनती की, लेकिन जमींदार ने उसे बहुत धमकाया। जमींदार बक्सा पाकर बहुत खुश हुआ। लेकिन किसान बहुत रो रहा था। अब जमींदार बहुत खुश था। वह जो चाहता, बक्से में डाल देता और उससे कई गुना अधिक पाकर खुश होता।
फिर कुछ दिनों के बाद कुछ लोगों ने मंत्री को जादुई बक्से के बारे में बताया। पहले तो उसे विश्वास नहीं हुआ, फिर उसने अपने विश्वस्त सेवक को बक्से की सच्चाई परखने के लिए भेजा। जब उसने वहां बक्से का जादू देखा, तो वह मंत्री के पास गया और उसे पूरी सच्चाई बता दी।
मंत्री ने जमींदार को बुलाया। फिर उसे डराते हुए कहा, हमें पता चला है कि तुम्हारे पास जादुई बक्सा है। इसे तुरंत हमारे हवाले कर दो। इस जादुई बक्से को अपने हाथ से फिसलता देख जमींदार की हालत खराब होने लगी। उसने मंत्री से बहुत विनती की, लेकिन मंत्री ने एक न सुनी।
बक्सा पाकर मंत्री मतवाला हो गया। विरोधियों को अच्छा मौका मिल गया। उन्होंने बक्से के साथ-साथ राजा को मंत्री की निकम्मी होने की बात भी बता दी। तुरंत राजा अपने सेनापति के साथ मंत्री के घर पहुंचा। उसने कहा कि देश की सारी जमीन राजा की है, इसलिए जादुई बक्से पर भी उसका अधिकार है।
मंत्री ने बिना किसी देरी के वह बक्सा राजा को दे दिया। राजा जादुई बक्सा पाकर खुश हुआ। सबसे पहले तो राजा ने जादुई बक्से की मदद से अपना खजाना बढ़ाया। फिर राजा को उस बक्से की सुरक्षा की चिंता हुई। राजा किसी भी कीमत पर उस बक्से को अपने पास रखना चाहता था।
राजा ने सोचा कि उसे इस रहस्य का पता लगाना चाहिए कि इस बक्से में क्या है? यह जानने के लिए राजा उसमें घुस गया और बैठ गया। जब वह बाहर आया तो उसके पीछे 10 राजा निकले। असली राजा का कोई पता नहीं था। वे राजगद्दी पर कब्जा करने के लिए आपस में लड़ने लगे।
यह जानकर किसान बहुत दुखी हुआ। वह खुद को कोसने लगा कि अगर मैं बक्से को जमीन में ही दबा कर छोड़ देता तो अच्छा होता।
2) मेहनती गरीब किसान
एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में एक किसान और परिवार के कुछ सदस्य रहते थे। किसान का नाम रामू था। रामू बहुत मेहनती और ईमानदार व्यक्ति था। गाँव में रामू के पास थोड़ी सी ज़मीन थी, जिस पर वह खेती करके अपनी और अपने परिवार की ज़रूरतों को पूरा करता था।
रामू की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी और अचानक भारी बारिश के कारण रामू की फसलें पूरी तरह से नष्ट हो गईं। और यह देखकर रामू बहुत दुखी हो जाता है क्योंकि फसलें ही रामू के पूरे परिवार को चलाने का एकमात्र साधन हुआ करती थीं, जिससे उसका दिल टूट गया और रामू निराश हो गया।
लेकिन उसने हार नहीं मानी। उसने अपने विवेक को मजबूत किया और फिर से खेती करने की योजना बनाई। उसने खेती में अधिक समय और मेहनत लगाई और नई तकनीकों का इस्तेमाल किया, जिससे धीरे-धीरे उसकी नई खेती सफलता की ओर बढ़ने लगी और उसकी मेहनत रंग लाने लगी।
यह सब देखकर रामू को खुशी होने लगी और फिर उसने अपने गाँव के अन्य किसानों को नई तकनीकों का इस्तेमाल करने की सलाह दी। जिसमें पूरे गाँव के लोग रामू द्वारा बताई गई नई तकनीकों का इस्तेमाल करने लगे। जिससे धीरे-धीरे उनके गांव और उसके आस-पास के गांवों में आधुनिक खेती का चलन बढ़ने लगा।
उनके प्रयासों से किसानों की आर्थिक स्थिति सुधरने लगी और उनका जीवन खुशहाल होने लगा। सबके चेहरे पर मुस्कान आने लगी और सभी खुशी-खुशी रहने लगे। इस तरह रामू ने हार नहीं मानी और अपनी मेहनत से अपना और अपने परिवार का भविष्य सुरक्षित किया।
कहानी की सीख – इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि व्यक्ति अपनी मेहनत, संघर्ष और सही योजना से किसी भी परिस्थिति में सफल हो सकता है।