वर्तमान काल में दान का महत्व, और वस्त्र दान का महत्व

वर्तमान काल में दान का महत्व – हिंदू धर्म शास्त्रों में दान का महत्व बताया गया है। ऐसा करना बहुत ही पुण्य का काम माना गया है। सनातन धर्म में सदियों से दान की परंपरा रही है। आज भी लोग मन की शांति, मनोकामना पूर्ति, पुण्य प्राप्ति, ग्रह दोषों के प्रभाव से मुक्ति और भगवान की कृपा पाने के लिए दान करते हैं। इससे दान का महत्व और भी बढ़ जाता है। दान का लाभ न केवल जीवन में बल्कि मृत्यु के बाद भी मिलता है। क्योंकि मरने के बाद जब आपके कर्मों का मूल्यांकन किया जाता है तो ये पुण्य कर्म ही आपके काम आते हैं। तो आइये जानते है दान का महत्व क्या है, और दान देने के फायदे –

वर्तमान काल में दान का महत्व (Importance Of Charity In Present Times)

हर धर्म में दान का बहुत महत्व है, दान करने की परंपरा सदियों से ही चली आ रही है। शास्त्रों में कहा गया है कि अपनी हैसियत के अनुसार व्यक्ति को अपनी मेहनत की कमाई का दसवां हिस्सा दान करना चाहिए। इसे व्यक्ति के बुरे कर्म नष्ट हो जाते हैं, साथ ही अच्छे कर्मों का फल मिलता है। इसके साथ यह भी मान्यता है कि दान करने से पिछले जन्म के पापो से मुक्ति मिलती है, यानी पिछले जन्म के पाप धुल जाते हैं। इसलिए ब्राह्मणों, गरीबों और जरूरतमंद लोगों को दान करना चाहिए।

दान एक ऐसा कार्य है, जिसके माध्यम से हम न केवल धर्म का सही ढंग से पालन कर पाते हैं, बल्कि अपने जीवन की सभी समस्याओं से भी छुटकारा पा सकते हैं। दीर्घायु, रक्षा और स्वास्थ्य के लिए दान अचूक माना गया है। जीवन की सभी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए दान का विशेष महत्व है। दान करने से ग्रहों की पीड़ा से मुक्ति पाना आसान हो जाता है।

दान से भले ही पुण्य मिलता है लेकिन भगवान भी ऐसे लोगों से प्रसन्न होते हैं। लेकिन दान अपनी क्षमता के अनुसार ही करना चाहिए। कम आमदनी या बिना सोचे-समझे किया गया दान गरीबी का कारण बन सकता है। इसलिए दान करने से पहले अपनी आर्थिक स्थिति का आकलन जरूर कर लें। शास्त्रों के अनुसार व्यक्ति को दशवंध यानी अपनी कमाई का 10 प्रतिशत दान करना चाहिए।

ऐसे दान से कोई लाभ नहीं होता जो आप दिखावे के लिए करते हैं। श्रद्धापूर्वक किया गया दान ही पुण्य की श्रेणी में आता है। इसीलिए कहा जाता है कि दान ऐसा होना चाहिए जो एक हाथ से किया जाए और दूसरे हाथ को पता भी न चले।

गुस्से या जबरदस्ती से दान न करें, ऐसा दान किसी काम का नहीं। इसके अलावा दान केवल उसी को करें जिसे इसकी आवश्यकता हो।

वस्त्र दान का महत्व (Importance Of Donating Clothes)

वस्त्र दान करने से आपके जीवन में अनेक सफलताएं आती हैं। अच्छे मन से नए और साफ कपड़ों का दान करना लाभकारी होता है। आपके रुके हुए काम बनने लगते हैं। वस्त्र दान करने से आर्थिक स्थिति हमेशा अच्छी बनी रहती है। आप जिस स्तर के कपड़े पहनते हैं उसी स्तर के कपड़े दान करें। कभी भी पुराने, फटे या क्षतिग्रस्त कपड़े दान न करें।

इन चीजों का न करे दान

हिंदू धर्म में झाड़ू को देवी लक्ष्मी का प्रतीक कहा जाता है। इसलिए कभी भी झाड़ू का दान नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे घर में आर्थिक संकट आ सकता है।

पीतल, चांदी, तांबा आदि शुभ और पवित्र धातुओं से बने बर्तनों का दान करना शुभ होता है। लेकिन भूलकर भी किसी को प्लास्टिक, स्टील, एल्युमीनियम और कांच जैसे बर्तन दान करने से बचें। इसका असर आपकी नौकरी और बिजनेस पर पड़ता है।

गरीबों और भूखों को भोजन दान करना पुण्य का काम है। लेकिन कभी भी किसी को बासी या झूठा खाना न दें। इससे घर में दरिद्रता आती है और परिवार के सदस्य हमेशा बीमार रहते हैं।

शनिवार के दिन तिल और सरसों का तेल दान करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। लेकिन दान करते समय इस बात का ध्यान रखें कि इस तेल का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इससे शनिदेव नाराज हो सकते हैं। कभी भी इस्तेमाल किया हुआ तेल, खराब तेल या बचा हुआ तेल दान नहीं करना चाहिए।

शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि कभी भी किसी को चाकू, छुरी, सुई या कैंची आदि धारदार वस्तुएं दान नहीं करनी चाहिए। माना जाता है कि इन्हें दान करने से घर में कलह हो सकती है।

सारांश (Summary)

आज के इस लेख में हमने आपको – वर्तमान काल में दान का महत्व, और वस्त्र दान का महत्व के बारे में जानकारी दी है। हम उम्मीद करते है आपको यह जानकारी अच्छी लगी होगी। अगर आपको यह जानकारी वर्तमान काल में दान का महत्व (Daan Ka Mahtav) अच्छी लगी है तो इस दूसरो के साथ भी शेयर करे।

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