Bharat Ke Rashtrapati Kaun Hai – भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है, दुनिया के कई देशों में राष्ट्रपति के पास सबसे अधिक संवैधानिक शक्ति होती है। लेकिन भारत सहित कुछ देशों में प्रधानमंत्री के पास सबसे संवैधानिक शक्ति नहीं है।
भारत में प्रधानमंत्री के हाथ में देश की बागडोर होती है, साथ ही देश से जुड़े सभी छोटे-बड़े फैसले प्रधानमंत्री द्वारा ही लिए जाते हैं। लेकिन भारत में सबसे सर्वोच्च पद राष्ट्रपति का माना जाता है, भारत के राष्ट्रपति को देश का मुखिया और प्रथम नागरिक कहा जाता है।
भारत के राष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से किया जाता है। भारत के राष्ट्रपति का चुनाव जनता द्वारा नहीं किया जाता है। भारत के राष्ट्रपति का चुनाव सांसदों और विधायकों के वोटों से होता है। भारत का राष्ट्रपति हर 5 साल में चुना जाता है।
देश के राष्ट्रपति का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है, वह पद ग्रहण करने के बाद से अगले पांच वर्षों तक पद पर बने रहते हैं। देश के राष्ट्रपति का कार्यकाल समाप्त होने से पहले देश के अगले राष्ट्रपति के चयन के लिए चुनाव होते हैं। तो आइये जानते है वर्तमान में इंडिया के राष्ट्रपति कौन है (India Ka Rashtrapati Kaun Hai) –
वर्तमान में भारत के राष्ट्रपति कौन है (Bharat Ke Rashtrapati Kaun Hai In Hindi)
वर्तमान में भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु है, जिन्होंने 25 जुलाई, 2022 को भारत की 15वीं राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण की थी।
द्रौपदी मुर्मु के बारे में (About Draupadi Murmu In Hindi)
जैसा की हमने आपको बताया है की राष्ट्रपति देश का प्रथम नागरिक और मुखिया होता है, इस हिसाब से द्रौपदी मुर्मु अभी भारत देश की प्रथम नागरिक और मुखिया है। द्रौपदी मुर्मू भारत देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति और पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 15वें राष्ट्रपति के रूप में इस पदभार पर विराजित हुई है। द्रौपदी मुर्मू भारत की पहली आदिवासी राष्ट्रपति और दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं। द्रौपदी मुर्मू को भारतीय जनता पार्टी ने चुना है।
द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को भारत के ओडिशा राज्य के मयूरभंज जिले में एक आदिवासी परिवार में हुआ था, इनके पिता बिरंची नारायण टुडू गांव के मुखिया थे। वही उनके पति का नाम श्याम चरण मुर्मू है।
द्रौपदी मुर्मू की प्राथमिक शिक्षा गांव में ही हुई थी, अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी करने के बाद, उन्होंने स्नातक की डिग्री के लिए रमा देवी महिला कॉलेज, भुवनेश्वर में दाखिला लिया।
स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें ओडिशा सरकार के बिजली विभाग में जूनियर असिस्टेंट के पद पर नौकरी मिल गई। उन्होंने यह नौकरी 1979 से 1983 तक की। द्रौपदी मुर्मू सिंचाई एवं ऊर्जा विभाग में कनिष्ठ सहायक थीं। 1994 से 1997 तक उन्होंने अरबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन सेंटर, रायरंगपुर में शिक्षक के रूप में काम किया।
द्रौपदी मुर्मू 1997 में ओडिशा के रायरंगपुर जिले से पहली बार जिला पार्षद चुनी गईं। द्रौपदी मुर्मू बीजेपी के टिकट पर दो बार (2000 और 2009) रायरंगपुर विधानसभा सीट से विधायक बनने में भी सफल रहीं। विधायक बनने के बाद वह 2000 से 2004 तक नवीन पटनायक के मंत्रिमंडल में स्वतंत्र प्रभार के राज्य मंत्री रहीं।
द्रौपदी मुर्मू 2015 से 2021 तक झारखंड की पहली महिला राज्यपाल भी रहीं। 2007 में उड़ीसा विधान सभा द्वारा सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए “नीलकंठ पुरस्कार” से सम्मानित किया गया था।
द्रौपदी मुर्मू झारखंड की पहली महिला और आदिवासी राज्यपाल थीं। अब वह 25 जुलाई 2022 से 25 जुलाई 2027 तक भारत के राष्ट्रपति पद पर रहेंगी।
द्रौपदी मुर्मू का राजनीतिक सफर
द्रौपदी मुर्मू जी ने अपना राजनीतिक सफर वर्ष 1997 में ओडिशा राज्य के रायरंगपुर क्षेत्र के काउंसलर पद पर निर्वाचित होकर शुरू किया। परामर्शदाता पद पर चयनित होने के बाद द्रौपदी जी कुछ समय के लिए रायरंगपुर क्षेत्र की उपाध्यक्ष भी रहीं। इसके बाद द्रौपदी मुर्मू जी को अनुसूचित जनजाति का प्रदेश अध्यक्ष चुना गया। वर्ष 2007 में द्रौपदी मुर्मू जी को सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए “नीलकंठ पुरस्कार” से सम्मानित किया गया। 2013 से 2015 तक द्रौपदी जी भाजपा के अनुसूचित जनजाति मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य रहीं। वह 2015 से 2021 के बीच झारखंड की राज्यपाल भी रहीं।
भारत के पूर्व राष्ट्रपति कौन थे (Bharat Ke Purv Rashtrapati Kaun The)
भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद थे है, जो भारत के 14वें राष्ट्रपति थे, जो 25 जुलाई 2017 से 25 जुलाई 2022 तक इस पद पर बने रहे। उन्होंने 2015 से 2017 तक बिहार के राज्यपाल के पद पर कार्य किया।
रामनाथ कोविन्द का जन्म उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव परौंख में हुआ था। उन्होंने कानपुर विश्वविद्यालय डॉ. अमित कुमार श्रीवास्तव कॉलेज से वाणिज्य और कानून में डिग्री प्राप्त की। कानून की डिग्री प्राप्त करने के बाद उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय में वकालत शुरू की।
साल 1977 – 1979 तक दिल्ली उच्च न्यायालय में केंद्र सरकार के वकील, इसके बाद बिहार के राज्यपाल के पद पर नियुक्ति मिली। इसके अलावा रामनाथ कोविन्द ने संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा भी उत्तीर्ण की थी।
20 जुलाई 2017 को राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे में कोविंद ने मीरा कुमार को करीब 3 लाख 34 हजार वोटों के अंतर से मात दी थी।