बेटा होने के 4 लक्षण बताइए – मां बनना हर महिला के लिए एक खूबसूरत एहसास होता है। जब परिवार में दो से तीन सदस्य होते हैं, तो यह सवाल मन में जरूर आता है कि नन्ही सी हंसी बेटे की होगी या बेटी की।
आज के आधुनिक युग में लोग तरह-तरह के मेडिकल टेस्ट के जरिए पता लगाते हैं कि गर्भवती महिला के गर्भ में लड़का है या लड़की। लेकिन आपको बता दें कि भारत में जन्म से पहले शिशु का लिंग परीक्षण करवाना गैरकानूनी है।
पुराने समय में जब मेडिकल साइंस ने इतनी तरक्की नहीं की थी, तब कई अनुभवी लोग गर्भवती महिला के गर्भ की स्थिति देखकर बता देते थे कि बच्चा लड़का होगा या लड़की।
आज भी कुछ ऐसे तरीके हैं, जिनकी मदद से आप पता लगा सकते हैं कि आपके गर्भ में लड़का है या लड़की। आज की पोस्ट में हम आपको बताने जा रहे हैं कि बेटा होने के 4 लक्षण क्या होते हैं। तो इस महत्वपूर्ण जानकारी को पाने के लिए इस पोस्ट “बेटा होने के 4 लक्षण बताइए” को अंत तक पढ़ें।
बेटा होने के 4 लक्षण बताइए – Ladka Hone Ke 4 Lakshan Bataiye
गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, जिसके कारण वह एक नए जीवन को जन्म देती है। कई लोगों का मानना है कि लड़की के मुकाबले लड़का जल्दी पैदा होता है। यानी अगर गर्भ में लड़का है तो उसका जन्म 9 महीने पूरे होने से कुछ दिन पहले हो जाता है। जबकि लड़कियां 9वां महीना पूरा होने के कुछ दिन बाद पैदा होती हैं।
गर्भावस्था के पहले दिन से ही लोग अक्सर यह जानना चाहते हैं कि गर्भ में लड़का होने के क्या लक्षण हैं। यहां हम आपको गर्भवती महिला के गर्भ में बेटा होने के 4 लक्षणों के बारे में बताने जा रहे हैं।
(1) वजन बढ़ना
गर्भावस्था के दौरान महिला का वजन बढ़ने लगता है। क्योंकि मां के गर्भ में पल रहे बच्चे का आकार बढ़ने लगता है। गर्भवती महिला के बढ़े हुए वजन को देखकर आप यह भी अंदाजा लगा सकते हैं कि गर्भ में लड़का है या लड़की।
अगर गर्भवती महिला का वजन कम बढ़ रहा है और सिर्फ पेट का आकार बढ़ रहा है तो इसका मतलब है कि पेट में लड़का है। साथ ही अगर गर्भवती महिला का पेट ज्यादा आगे की ओर और नीचे की ओर झुका हुआ है, तो इसे लड़का होने का संकेत माना जाता है।
(2) पेशाब के रंग में बदलाव
आप पेशाब के रंग से भी पता लगा सकते हैं कि गर्भवती महिला के गर्भ में लड़का है या लड़की। अगर पेशाब का रंग गहरा है तो यह इस बात का संकेत है कि गर्भवती महिला के गर्भ में लड़का है।
इसके अलावा अगर उसी गर्भावस्था में महिला के पेशाब का रंग हल्का पीला है तो माना जाता है कि गर्भ में पल रहा बच्चा लड़की होगा। यहां हम आपको एक और बात बताते हैं कि आप सिर्फ एक बार पेशाब का रंग देखकर नहीं बता सकते। क्योंकि कई बार कम पानी पीने की वजह से पेशाब का रंग ज़्यादा पीला हो सकता है।
(3) दिल की धड़कन
हमारे शरीर का दिल बहुत ही महत्वपूर्ण अंग माना जाता है। दिल हमारे शरीर में 24 घंटे धड़कता रहता है। आप दिल की धड़कन से पता लगा सकते हैं कि आपके गर्भ में पल रहा बच्चा बेटा है या बेटी।
मां को अपने गर्भ में पल रहे बच्चे की धड़कन महसूस होने लगती है। अगर बच्चे की धड़कन 140 बीट प्रति मिनट से कम है तो इसे बेटा होने का संकेत माना जाता है। और अगर बच्चे की धड़कन 140 बीट प्रति मिनट से ज़्यादा है तो इसे बेटी होने का संकेत माना जाता है।
(4) त्वचा में बदलाव
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं की त्वचा में बदलाव देखने को मिलते हैं। इस बदलाव को देखकर आप पता लगा सकते हैं कि आपके गर्भ में पल रहा बच्चा बेटा है या बेटी। अगर आपके चेहरे पर ज़्यादा पिंपल्स आते हैं तो समझ लें कि आपके गर्भ में बेटा है।
इसके साथ ही अगर आपकी त्वचा बहुत ज्यादा रूखी हो रही है तो इसे बेटा होने का संकेत माना जाता है। इसके विपरीत तैलीय त्वचा होना गर्भ में बेटी होने का संकेत माना जाता है।
बेटा होने के अन्य लक्षण
शादी के बाद मां बनना हर महिला का सपना होता है, चाहे बेटा हो या बेटी। लेकिन ज्यादातर लोग इस बात को लेकर उत्सुक रहते हैं कि गर्भवती महिला के गर्भ में बेटा है या बेटी। इसलिए आप घर पर ही बिना अल्ट्रासाउंड के गर्भावस्था के दौरान होने वाले बदलावों से पता लगा सकते हैं कि गर्भ में बेटा है या बेटी।
यह अनुमान ज्यादातर लोगों के साथ सही साबित होता है। तो आइए जानते हैं बेटा होने के लक्षणों के बारे में।
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के स्तनों का आकार बढ़ने लगता है। वहीं अगर महिला का दायां स्तन बाएं स्तन से बड़ा है तो इसे बेटा होने का संकेत माना जाता है।
गर्भवती महिला के ठंडे पैर बेटा होने का संकेत माना जाता है।
अगर गर्भवती महिला के गर्भ में बेटा है तो उसे खट्टा, मसालेदार और नमकीन खाने की इच्छा ज्यादा होती है।
जिन गर्भवती महिलाओं को कुछ समय से सिरदर्द की समस्या है तो इसे बेटा होने का संकेत माना जाता है।
अगर आपका मूड सामान्य दिनों की तुलना में बहुत ज्यादा बदलता है तो इसे बेटा होने का संकेत माना जाता है।
यदि गर्भवती महिला दाहिनी ओर अधिक सोती है तो यह पुत्र होने का संकेत है, और यदि वह बाईं ओर अधिक सोती है तो यह पुत्री होने का संकेत है।