आठवें महीने में लड़के के लक्षण – गर्भावस्था का आठवां महीना एक सुनहरा पल होता है। माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्य आने वाले नन्हे मेहमान की तैयारी शुरू कर देते हैं। गर्भावस्था के इस चरण में माँ को अधिक ध्यान देने की आवश्यकता होती है।
आठवें महीने में माँ अपनी गर्भावस्था की प्रक्रिया लगभग पूरी करने वाली होती है। लेकिन कई महिलाओं के मन में यह विचार रहता है कि उनके गर्भ में पल रहा शिशु लड़का है या लड़की।
आज की इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि गर्भावस्था के आठवें महीने में लड़का होने के क्या लक्षण होते हैं। तो यह महत्वपूर्ण जानकारी पाने के लिए इस पोस्ट “आठवें महीने में लड़के के लक्षण” को अंत तक पढ़ें।
आठवें महीने में लड़के के लक्षण (8 Mahine Me Ladke LakshanIn Hindi)
आठवें महीने में शिशु का विकास अपने अंतिम चरण में होता है। इस अवस्था में शिशु का लगभग हर अंग विकसित हो चुका होता है और वह दुनिया में आने के लिए पूरी तरह से तैयार होता है। इसलिए यह जरूरी है कि मां अपने खान-पान और दैनिक जीवन की गतिविधियों पर बहुत ध्यान दे, ताकि गर्भ में पल रहे शिशु पर किसी भी तरह का असर न पड़े। यहां हम गर्भावस्था के आठवें महीने में लड़का होने के लक्षणों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं –
(1) स्तनों का आकार
गर्भावस्था के आठवें महीने में मां के स्तन स्तनपान के लिए तैयार हो जाते हैं। इस दौरान गर्भवती महिला के स्तनों का आकार और वजन बढ़ जाता है। साथ ही, कई महिलाओं के स्तनों से पीले रंग का दूध भी निकलने लगता है। यह भी माना जाता है कि अगर किसी महिला का दायां स्तन बाएं स्तन से बड़ा है, तो उसके गर्भ में लड़का है।
(2) गर्भ में शिशु का दाईं ओर होना
आठवें महीने में गर्भवती महिला को पता चलता है कि उसके गर्भ में शिशु दाईं ओर है या बाईं ओर। अगर गर्भ में पल रहा शिशु दाईं ओर है, तो इसे लड़के का संकेत माना जाता है। वहीं अगर मां को लगे कि शिशु बाईं ओर है, तो इसे लड़की का संकेत माना जाता है।
(3) मूड स्विंग
गर्भावस्था के आठवें महीने में अगर महिला का मूड बहुत ज़्यादा बदलता है, तो इसे गर्भ में लड़का होने का संकेत माना जाता है। इस दौरान महिला अचानक खुश हो जाती है और कभी अचानक तनाव में आ जाती है, यानी उसका मूड बार-बार बदलता रहता है।
(4) पेट का आकार
आठवें महीने में किसी भी गर्भवती महिला का पेट काफी बड़ा हो जाता है। आप पेट की स्थिति देखकर भी पता लगा सकते हैं कि गर्भ में लड़का है या लड़की।
अगर आठवें महीने में महिला का पेट नीचे की ओर लटका हुआ दिखे तो इसे लड़का होने का संकेत माना जाता है। इसके विपरीत अगर पेट आगे की ओर निकला हुआ हो और नीचे की ओर झुका हुआ न हो तो यह गर्भ में लड़की होने का संकेत देता है।
(5) त्वचा में बदलाव
गर्भावस्था के आठवें महीने में महिलाओं की त्वचा में काफी बदलाव देखने को मिलते हैं। इस बदलाव को देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि गर्भ में पल रहा बच्चा लड़का है या लड़की।
अगर आपके चेहरे पर ज्यादा मुंहासे निकलते हैं और आपकी त्वचा बहुत रूखी होती जा रही है तो यह लड़का होने का संकेत देता है। इसके विपरीत तैलीय त्वचा होने पर इसे गर्भ में लड़की होने का संकेत माना जाता है।
(6) पेशाब के रंग में बदलाव
आप आठवें महीने में पेशाब के रंग से भी लड़के के होने का पता लगा सकते हैं। अगर गर्भवती महिला के पेशाब का रंग गहरा है, तो यह इस बात का संकेत है कि गर्भ में लड़का है।
यहां हम आपको एक और बात बताना चाहेंगे कि सिर्फ एक बार पेशाब का रंग देखकर आप यह पता नहीं लगा सकते कि महिला के गर्भ में लड़का है या लड़की। क्योंकि कई बार कम पानी पीने की वजह से पेशाब का रंग ज़्यादा पीला और गहरा हो जाता है।
(7) पैरों का ठंडा होना
अगर गर्भवती महिला के पैरों में आठवें महीने में अक्सर ठंडक महसूस होती है, तो यह इस बात का संकेत है कि गर्भ में लड़का है।
आठवें महीने में शिशु का विकास (Aathve Mahine Me Shishu Ka Viksa)
गर्भावस्था के आठवें महीने में शिशु का विकास अंतिम चरण में होता है। इस महीने गर्भवती महिला को अपना खास ख्याल रखना चाहिए। यहां हम आपको बताने जा रहे हैं कि आठवें महीने में शिशु में क्या-क्या बदलाव होते हैं –
- शिशु की आंखें और पलकें पूरी तरह से विकसित हो जाती हैं।
- आठवें महीने में शिशु के सिर के बाल पूरी तरह से उग आते हैं।
- गर्भ में पल रहा शिशु अपना मुंह खोल और बंद कर सकता है।
- इस अवस्था में शिशु की लंबाई करीब 12 से 14 इंच होती है।
- आठवें महीने में गर्भ में पल रहे शिशु के जननांग विकसित होते हैं।
- इस महीने शिशु का आकार और वजन बढ़ जाता है जिसकी वजह से वह कम हिलता-डुलता है।
- इस महीने शिशु के फेफड़े विकास के अंतिम चरण में होते हैं।